ASI जामा मस्जिद
जामा मस्जिद
हदफ स्थित जामा मस्जिद (अक्षांस 250 4’ 29” उत्तर, देशांतर 870 46’ 46” पूर्व ) झारखण्ड की राजधानी रांची से 480 किलोमीटर तथा जिला मुख्यालय साहेबगंज से 32 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है । इस मस्जिद का निर्माण 16 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में मुगल शासक अकबर के गर्वनर राजा मान सिंह द्वारा करवाया गया था । यह मस्जिद एक उंची भूमि पर बना है जिसे हदफ कहते हैं । यह एक अरबी शब्द है जिसका तार्त्पय धनुष बाण के लक्ष्य से है । हदफ वस्तुत: राजमहल के बसावट का ही एक भाग था जहां सन 1592 में गंगा की धारा में आए बदलाव तथा सन 1575 ई. के बाद फैली महामारी में एक बहुत बडी जनसंख्या के हताहत होने के पश्चात राजधानी स्थानांतरित की गई थी ।
स्थानीय तौर पर जामी मस्जिद के नाम से ज्ञात इस मस्जिद में पश्चिम की तरफ एक विशाल प्रार्थना कक्ष, सामने के तरफ कंगुरा युक्त परकोटे से घिरा एक बडा प्रांगण, परकोटे के उत्तर दक्षिण तथा पूर्व की तरफ तीन द्वार है जिसमें पूर्वी द्वार मुख्य प्रवेश द्वार है । मूलत: इस मस्जिद का आकार 76.20 मीटर X 64.00 मीटर था पर वर्त्तमान में इसका उत्तरी भाग ध्वंस्त हो गया है । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के रांची मंडल द्वारा इसके संरक्षण एवं जीर्णोंधार का कार्य प्रगति पर है । मुख्य प्रार्थना कक्ष बडे- बडे वातायनों एवं छज्जों के प्रभाव के कारण बाहर से देखने पर दो मंजिला प्रतीत होता है । इस कक्ष के पश्चिमी दीवार पर कई ताख बने हैं तथा गचकारी के कार्य द्वारा वानस्पतिक विन्यासों का अंकन है । इस मस्जिद की स्थापत्य विशिष्टताएं इतनी भव्य एवं प्रभावोत्पादक हैं कि तत्कालीन एक विद्वान ने इसे गौड़ प्रदेश (आज का बंगाल) के किसी भी इमारत की तुलना में सर्वाधिक सुंदर एंव भव्य इमारत कहा है ।