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मंदिर समूह हाराडीह

ASI मंदिर समूह हाराडीह

मंदिर समूह हाराडीह

झारखण्ड राज्य के रांची जिले के बुंडु प्रखंड में हाराडीह का मंदिर समूह स्थित है । यह गांव, राजधानी रांची से 60 किलोमीटर की दुरी तथा तमाड से 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है । प्राचीन मंदिर के अवशेष हाराडीह गांव के उत्तर में और खेतों के मध्य बनी एक ऊंचे टीले पर विद्यमान है जिससे लगकर कांची नदी बहती है । ये अवशेष सर्वप्रथम 1944 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के भूतपूर्व महानिदेशक श्री ए. घोष के द्वारा देखे गये थे । सतह पर बिखरे अवशेष से पता चलता है कि इस स्थल पर पाषाण व ईट से बने कई मंदिर थे जिनमें दो आज भी खड़े हैं । यहां काले पत्थर से बनी 16 भुजी महिषासुरमर्दनी की प्रतिमा भी है जिसकी माप 1.2 मीटर x 60 सेटीमीटर है और वर्तमान में यहां बनाये गये नये आधुनिक मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित है । टीले के दक्षिण पश्चिमी कोने पर जो दो लघुदेवालय है वे रेखादेउल शैली में बने हैं । ग्रेनाइट पत्थर से बने इन मंदिरों की उदग्र योजना में बाड़ा, गंडी एवं मस्तक का समावेश है ।
विगत तीन चार वर्षो में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के रांची मंडल ने यहां वैज्ञानिक रीति से मलवों को हटाने का कार्य किया किया है जिसके परिणाम स्वरुप कई लघु देवालयों की योजना तथा ईटों के बने चबुतरे एवं आवासीय कक्ष अनावृत हुये हैं । पत्थरों के बने लघु देवालयों की योजना में एकरुपता है और प्रत्येक देवालय में तीन ओर से घिरे प्रस्तर पट्टिकाओं के बीच एक शिवलिंग स्थापित है । इन सभी प्रस्तर पट्टिकओं में प्रस्तर गल (moulding) बना है । एक निश्चित ऊंचाई के बाद इनमें से किसी भी देवालय में उपरी संरचना ( super structure ) का अभाव है । एक ही स्थल पर इतनी बडी संख्या में शिवलिंगों की विद्यमानता से यह स्पषट होता है कि यह स्थल प्रांरभिक मध्यकाल में शैव संप्रदाय को समर्पित था ।