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असुर पुरास्थल कुंजला

ASI असुर पुरास्थल कुंजला

असुर पुरास्थल कुंजला

सन् 1915 में सर्वप्रथम श्री एस सी राय ने असुर पुरास्थल कुंजला को प्रकाश में लाया । इस पुरास्थल के टीले पर ईटों के टुकडे व लाल मृदभांड के टुकड़े बिखरे पड़े हैं । इसके उत्तर पश्चिम भाग में श्री ए घोष ने उत्खनन किया था तथा कतिपय संरचनाओं के अवशेष को अनावृत किया था । प्रयुक्त ईटें 43x 22 x6 सेंटीमीटर एवं 44 x 23x 5.5 सेंटीमीटर की माप में बनाये गये थे और ठीक से पकाये हुये नहीं थे । एक घर की योजना में चार कमरे बनाये गये थे । इसमें से बडा 5 x4 x0.15 मीटर तथा छोटा 2.5 मीटर लंबा व एक बरामदे के साथ बना था । ये सभी संरचनायें एक चार दीवारी से घिरी थी । भद्दी बनावट वाले व मोटे अनुभाग वाले तथा लाल रंग की मिट्टी के रंग वाले टुकड़े यहां से प्राप्त किये गये थे । इनमें से अधिकतर चाक पर बनाये गये थे तथापि कुछ एक हस्त निर्मित भी थे । इन मृदभांड के अलंकरण में सकेंद्रित वृतों की श्रृंखला, तरंगित रेखायें, आवृत होते त्रिभुज तथा छोटे छोटे प्रक्षेपणों का प्रयोग किया गया था । इस पुरास्थल की तिथि ई. सन की प्रारंभिक सदी निर्धारित की जाती है ।